वैज्ञानिक कैसे दिखते हैं?


वैज्ञानिक कैसे दिखते हैं

अगर आप भी वैज्ञानिक यानि के Scientist बनना चाहते है या वैज्ञानिकों के बारे में ज्यादा जानने के इच्छुक है। और आपके भी मन में यह चल रहा है के वैज्ञानिक कैसे दिखते है और कोन होते है। वैज्ञानिकों की पर्सनालिटी (व्यक्तित्व), attitude (रवैया) और सोचने का तरीका कैसा होता है। तो यह लेेेख आपके लिए ही है। कृपया लेेेख के अंत तक बने रहें। इस लेेेख के अंदर आपको बहुत सारी नई तथा रोचक जानकारियां जानने को मिलेगी। 

:- वैज्ञानिक यानि के एक ऐसा इंसान जो विज्ञान का जानकार होता है। जो इस पृथ्वी पर नई-नई और अदभुत चीजों की खोज करते है। आज के समय में हम जिन चीजों का सुख भोग रहे है जैसे- पंखा, AC, कार, मोबाइल, TV, इन्टरनेट, पेन, कंप्यूटर, हवाईजहाज, रॉकेट इत्यादि। इन सभी चीजों के साथ-साथ हर एक छोटी से लेकर बड़ी चीज किसी न किसी वैज्ञानिक की ही देन है और आगे भी बहुत सारी खोजें वैज्ञानिकों द्वारा की जा रही है। जिनका सुख हमें भविष्य में देखने को मिल सकता है। 

वैज्ञानिक कैसे दिखते हैं

:- जब भी "वैज्ञानिक" शब्द हमारे दिमाग में आता है। तो एक ऐसे इंसान का चित्र अपने आप हमारे दिमाग में चला आता है। जिसने सफ़ेद लेब कोट , आँखों पे चश्मा और हाथों में दस्ताने पहने होते है और किसी उपकरण के साथ प्रयोग कर रहा होता है। या फीर वह एक बहुत बड़ी सी मशीन या कंप्यूटर के सामने बैठा होता है और जिसमे बहुत सारे बटन लगे होते है। 
लेकिन हम आपको बतादें दोस्तों के वैज्ञानिक सिर्फ वही व्यक्ति नहीं होता जो सिर्फ सफ़ेद ड्रेस पहने कुछ केमिकल्स के साथ परिक्षण कर रहा होता है। हर वो इंसान वैज्ञानिक है जिसकी विज्ञान में रूचि है और वह कोई नई खोज करना चाहता है। जो हर चीज में छुपे हुए विज्ञान को जानने का इच्छुक हो। यानि के कोई भी आम इंसान जैसा दिखने वाला व्यक्ति भी वैज्ञानिक हो सकता है और बन सकता है। इसका मतलब यह है दोस्तों के वैज्ञानिक कपड़ों, डिग्री, डिप्लोमा, मार्कशीट या किसी और चीज से नहीं बल्कि दिमाग से बना जाता है। 
किसी भी इंसान को वैज्ञानिक बनने के लिया जो चीज जरुरी होती है। वह होती है उस इंसान की सोंच, विज्ञान में रूचि, दिमाग व कुछ नया खोजने की तथा जानने की इच्छाशक्ति। 

:- वैज्ञानिक कैसे दिखते है आईए इस बारे में थोड़ा और जानते है।

दोस्तों जब बात आती है वैज्ञानिक कैसे दिखते है। तो हम आपको बतादें के दो तरह के दिखने वाले वैज्ञानिक इस दुनिया में होते है। दो तरह से दिखने वाले वैज्ञानिकों से हमारा मतलब है के हमने वैज्ञानिकों को वेशभूषा, व्यक्तित्व, रवैया, शिक्षा और खोज करने के तरीकों के आधार पर उन्हें दो प्रकारों में बांटा है।
1. सूट-बूट वाले वैज्ञानिक 
2. सामान्य दिखने वाले वैज्ञानिक (बिना सूट-बूट वाले वैज्ञानिक)

- जी हां, हमें पता है आपको यह दोनो प्रकारों के नाम पढ़कर जरूर हँसी आये होगी। आपके दिमाग में चल रहा होगा के क्या सच में ऐसे भी कोई दो वैज्ञानिकों के प्रकार होते है। तो जी हाँ यह दोनों प्रकार होते है। अब आगे लेख में हम आपको काफी रचनात्मक तरीके से वैज्ञानिकों के इन दोनों प्रकारों के बारे में बताने का प्रयत्न करेंगे। चलिये वैज्ञानिकों के इन दोनों प्रकारों के बारे में अच्छे से जानते है। 

1. सूट-बूट वाले वैज्ञानिक-

वैज्ञानिक कैसे दिखते हैं
वैज्ञानिकों के इस प्रकार के बारे में हमने थोड़ा सा लेख के सुरवात में भी लिखा था के जब भी "वैज्ञानिक" शब्द सुनते या सोचते है। तो हमारा दिमाग अपने आप ही एक फोटो हमारे सामने रख देता है। जिसमें एक या एक से ज्यादा व्यक्ति ने सफ़ेद लेब कोट, हाथों में दस्ताने और आँखों पर चश्मा पहना होता है और वह टेस्ट ट्यूब से, माइक्रोस्कोप से या किसी और उपकरण से किसी चीज पर रिसर्च कर रहा होता है। 
वैज्ञानिक कैसे दिखते हैं
या फीर अगर आप डाटा साइंटिस्ट या IT से सम्बंधित वैज्ञानिक के बारे में सोचते है। तो आपके दिमाग में एक तस्वीर आती है जिसमे एक बहुत अच्छे पर्सनालिटी वाला व्यक्ति एक बहुत एडवांस टेक्नोलॉजी पर कुछ कर रहा होता है या फीर उसके सामने एक बहुत अच्छा सुपर कंप्यूटर होता है। 

वैज्ञानिकों की ऐसी ही तस्वीरे दिमाग में इसलिये आती है। क्योकि लगभग 90% वैज्ञानिकों और विज्ञान पर बनी फिल्मो और T.V show में जब वैज्ञानिकों का रोल दिखाया जाता है। तो वह सूट-बूट वाला ही होता है और अगर इन्टरनेट पर भी वैज्ञानिक के बारे में कुछ सर्च किया जाता है। तो भी सूट-बूट वाली और अच्छी पर्सनालिटी वाली कुछ तस्वीरें निकल कर आती है। 
इस प्रकार के वैज्ञानिक ज्यादातर अच्छे शिक्षण संस्थानों से उच्च शिक्षा ग्रहण करके किसी सरकारी या प्राइवेट कंपनी या organization के अंदर वैज्ञानिक के पद पर नोकरी करते है। इन कंपनी और organization के अंदर वैज्ञानिकों को बहुत अच्छी लाखो से लेकर करोडो तक सेलरी (तनख्वाह) दी जाती है। 
इन कंपनियों और organization में वैज्ञानिकों का काम होता है। उनके लिए नई-नई चीजो की खोज करना, प्रयोग करना या बनाना या फीर उन चीजो पर प्रयोग करना जिन चीजो का आविष्कार करने के लिए वह कंपनियां बोलती है। नया आविष्कार करने के लिए जितनी भी सुविधाओं, उपकरणों, सामान, टेक्नोलॉजी की जरुरत होती है वह सभी जरूरते ये कंपनियां व organization अपने खर्चे से पूरी करती है। 
कुछ वैज्ञानिक जिनकी खुद की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है। वह नोकरी करने की बजाय खुद की लैब (Leb) बनाकर तथा सभी साधन खुद से लाकर अपने खुद के खर्चे पर भी प्रयोग (experiment) भी करते है। 

- वैज्ञानिक कैसे दिखते है। यह सरलता से समझते हुए अभी तक हमने आपको बताया सूट-बूट वाले वैज्ञानिकों के बारे में आईए अब आपको वैज्ञानिकों के दूसरे प्रकार के बारे में बताते है। जिसके बारे में आप नहीं जानते होंगे या बहुत कम ही जानते होंगे। 


2. सामान्य दिखने वाले वैज्ञानिक (बिना सूट-बूट वाले वैज्ञानिक)-

वैज्ञानिक कैसे दिखते हैं

दोस्तों जैसा के ऊपर हेडिंग से ही समझ में आ रहा है। सामान्य मतलब बिलकुल साधारण दिखने वाले इससे हमने समाज में रहने वाले हमारे ही जैसा पहनावा (वेशभूषा) रखने वाले उन लोगो की तरफ इसारा किया है। जिनकी शिक्षा बहुत कम या माध्यम ही होती है पर इनका दिमाग बहुत तेज तेज तथा रचनात्मक होता है। 

दोस्तों वैज्ञानिकों की इस श्रेणी में हर वो इंसान आता है। जो विज्ञान में रूचि रखता है। कुछ रचनात्मक सोंच रखता है और नया अविष्कार करने के लिए उत्साहित होता है। तथा जहाँ से भी कुछ सीखने को मिलता है उशे ग्रहण करता है।
 
वैज्ञानिकों की इस श्रेणी में हर वो इंसान आता है। जो अपनी जरूरतों के हिसाब से या जहाँ से भी कोई नया idea मिलता है उशे नए आविष्कार में बदलने के लिए निरंतर नए प्रयोग करता रहता है। इन सब बातों से हमारे कहने का मतलब यह है। के हर उस इंसान के अंदर एक वैज्ञानिक छुपा हुआ होता है। जो कुछ नया आविष्कार करने में रूचि रखता है। 
वैज्ञानिक कैसे दिखते हैं
बिना सूट-बूट वाले यानी के सामान्य दिखने वाले वैज्ञानिक किसी भी गली, मोहले, गाँव, सहर या झोपड़ियो में से निकल सकते है। इस प्रकार के वैज्ञानिकों में किसी भी उम्र का व्यक्ति हो सकता है। बच्चा, बुजुर्ग या वयस्क कोई भी। इस प्रकार के वैज्ञानिकों में बहुत सारे ऐसे लोग भी सामिल है। जिनके पास कोई बड़ी डिग्री, डिप्लोमा नहीं होता परिस्तिथियों के कारण, पैसों के आभाव में या किसी भी कारण से और ना ही ज्यादा उच्च स्तर की पढाई कर पाते है। पर फीर भी अपने दिमाग व रूचि के बल पर बहुत अच्छे आविष्कार कर देते है। ये वैज्ञानिक उन सूट-बूट वाले वैज्ञानिकों जैसे नहीं दिखाई देते क्योकि इनके पास ना तो कोई परीक्षण करने के लिए लेब होती है और ना ही बहुत ज्यादा साधन व मशीने। ये अपने आस-पास मौजूद चीजो से ही कुछ नया अविष्कार कर देते है। ज्यादातर ऐसे अविष्कार जब सुरवात में होते है तो उनको गाँवो में जुगाड़ भी बोल दिया जाता है। सामान्य दिखने वाली श्रेणी के वैज्ञानिक लगभग सभी गाँवो, कस्बो तथा सहारो में मिल ही जाते है। जिनमे से कुछ का टैलेंट सबके सामने आ जाता है और कुछ लोगो का टेलेंट नॉलेज की कमी या कई अन्य कारणों से सामने नहीं आ पाता है। 

जिनका टेलेंट सबके सामने आया और वो बहुत फेमस हुए उस लिस्ट में एक नाम कर्नाटक के रहने वाले एनएम प्रताप का भी आता है। इनकी शिक्षा ख़राब परिस्तिथियों के कारण बहुत कम हो पाई। परन्तु फीर भी लगभग 21-22 साल की छोटी सी उम्र में इन्होंने कबाड़ से ड्रोन बनाकर इतिहास रच दिया। इनके बारे में ज्यादा जानने के लिए इन्टरनेट पर सर्च कर सकते है। 


नोट- अगर आप खुद या आप किसी ऐसे इंसान को जानते हों जो सामान्य दिखने वाले वैज्ञानिकों की श्रेणी में आते है। तो हमें कमेंट करके जरूर बताये। 

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