टिड्डियों से फसल को कैसे बचायें - Tiddiyon se phasal ko kaise bachaayen.


टिड्डियों से फसल को कैसे बचायें
टिड्डियों से फसल को कैसे बचायें  इसके लिए हम कुछ 100% कारगर उपाय लेकर आए है। इनमे से कुछ उपाय उन किसानों से पूछे गए है जिन्होने इन उपायों को अपना कर अपनी फसलों को बर्बाद होने से बचाया है। और कुछ उपाय कर्षि रोग विशेषज्ञयों के द्वारा लिखी गई किताबो तथा विशेषज्ञयों द्वारा दिए गए टिड्डियों के बचाव से सम्बंधित इंटरव्यू से लिए गए है। 

टिड्डियों से फसल को कैसे बचायें  इसके उपायों की लिस्ट तैयार करने के लिए Google Trending Questions की टीम ने विशेषज्ञयों के बहुत सारे इंटरव्यू सुने, इंटरनेट पर मौजूद वीडियोस देखी तथा बहुत सारी ऐसी किताबों का भी अध्यन किया जिनमे विशेषज्ञयों द्वारा टिड्डियों के बचाव से सम्बंधित उपाय लिखे हुए थे। 
इन सब का अध्यन करने के बाद हमने सर्वश्रेष्ठ उन उपायों को हमारी लिस्ट में अंकित किया है। जो किसानो के लिए अभी तक बहुत ज्यादा फायदेमंद रहे है और बहुत ज्यादा आसान है। तथा इन उपायों का इस्तेमाल करके टिड्डियों से फसल को लगभग 100% बचाया जा सकता है।

तो आईए जानते है टिड्डियों से फसल को कैसे बचायें :-

:- टिड्डियों से फसल को कैसे बचायें - टिड्डियों से फसल को बचानें के उपाय


टिड्डियों से फसल को कैसे बचायें

1. टिड्डियों को तीखी आवाज बिलकुल भी पसन्द नहीं होती है। इशलिये ऐसी चीजे बजायें जिनसे तीखी ध्वनि तरंगे निकलें। जैसे के स्टील की थाली के साथ स्टिल की बड़ी चम्म्च, लोहे का टुकड़ा ले जो भरमा हो 'अंदर से खाली (थोथला) ना हो' उशे दूसरे लोहे के टुकड़े से ही बजायें इससे काफी तीखी ध्वनि निकलती है, पावर हॉर्न इत्यादि। 
Note- हमारे बहुत सारे किसान भाई खेतो में शोर तो करते है। परंतु फीर भी टिड्डियां उनकी फसल को खा जाती है। उसका यही कारण है के वो लोग शोर करने के लिए जिन चीजों या बर्तनों को बजाते है। उनसे बहुत कम तीखी ध्वनि तरंगे निकलती है। जैसे के बहुत सारे किसान भाई अंदर से खाली लोहे के पीपो,परातों आदि बर्तनों को लकड़ी या किसी अन्य धातु से बजाते है या गाने बजाते है। 

2. सबसे ज्यादा तेज ध्वनि तरंगे तांबे के बर्तन को चिमटे के साथ बाजाने से निकलती है। इशलिये अगर घर में तांबे का कोई बर्तन जैसे थाली, परात इत्यादि हो तो उशे चिमटे से बजाये। 

3. टायरों की धुंआ करके भी टिड्डियों को भगाया जा सकता है। कई जगहों पर यह देखा गया के किसानों ने अपने खेतो में ख़राब टायरों को जलाकर धुंआ की जिससे टिड्डियां उनके खेतो में नहीं उत्तरी। 
Note- यह तरीका बहुत ज्यादा प्रदूषण फैलाएगा तथा टायर जलने पर निकली धुंआ स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक होती है। बहुत ज्यादा धुंआ होने की वजह से आस-पास के लोगो को व अन्य जीव जंतुओं को दिक्कत हो सकती है। इशलिये इस तरीके का उपयोग बहुत ज्यादा जरुरत पड़ने पर ही करे और टिड्डियां जाने के बाद धुंए को रोकने के लिए टायर पर मिट्टी डाले। 

4. टेक्नोलॉजी की मदद से भी टिड्डियों से फसल को बचाया जा सकता है। 
टिड्डियों से फसल को कैसे बचायें

Whatsapp, Facebook, Hangout आदि किसी भी socal media App पर अपने आस-पास के लोगो की मदद से एक ग्रुप बनवाये। इस ग्रुप में आस-पास के 10 गावों के सरपंच, मुखिया जुड़े हुए हो और कुछ मुख्य-मुख्य लोग हर एक गाँव से जुड़े हुए हो। इससे यह फायदा होगा के जब भी किसी एक गाँव में टिड्डियो का हमला होगा तो उस गाँव का प्रधान ग्रुप में यह बात अपडेट कर देगा। जिससे बाकी 9 गाँवों के प्रधानों को पता लग जाएगा और वह किसानों को टाइम रहते सचेत कर देंगे। 
Note- बहुत सारे किसानों की फसल नष्ट होने का मुख्य कारण यही होता है के उन्हें समय पर पता नहीं होता के टिड्डियां उनकी फसल पर हमला करने वाली है। इशलिये ऐसे में यह तरीका बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होगा। ग्रुप बनाने का एक यह भी फायदा है के एक गाँव के प्रधान द्वारा किए गए एक मैसेज से बाकी 9 गाँवो के प्रधान तथा उन गाँवो के कुछ मुख्य-मुख्य लोग सचेत हो जाएंगे और वो समय रहते बाकी किसानों को भी सचेत कर देंगे। 

5. शाम को 7 से 8 बजे के आस-पास अगर टिड्डियों का दल खेतों में पहुँचा है। तो ज्यादा सतर्क हो जाएं और जल्दी से जल्दी टिड्डियों को अपने खेतों से बाहर निकालने का प्रयत्न करे। क्योकि शाम के समय टिड्डियां आगे नहीं चलती बल्कि किसी जगह पर पूरा समूह जमावड़ा लगा लेता है और जहाँ यह रात को बैठ जाती है। उस जगह की फसल और हरियाली को पूरा साफ कर देती है तथा बहुत सारे अंडे भी दे देती है। एक मादा टिड्डी 30 से 100 अंडे तक दे सकती है। यह अंडे कुछ ही दिनों में बड़े टिड्डे बन जाते है और फसल को नुक्सान पहुचना सुरु कर देते है।  

6. अगर शाम के या रात के समय टिड्डियां किसी खेत में बैठ जाती है। तो उनको शोर करके या धुंआ करके भगाना भी बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्तिथि में किसान जितनी जल्दी हो सके अपने फसल पर कैमिकल या कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करे।
Note- टिड्डियों से फसल को बचने के लिए जिन केमिकल्स व कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल आमतौर पर किया जाता है। उनके बारे में नीचे के पॉइंट्स में बताया गया है तथा जब भी इन कैमिकल्स और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करे तो मुँह पर मास्क तथा हाथों में ग्लब्स (दस्ताने) जरूर पहने। यह दवाएं सांस, मुँह के जरिए अगर शरीर के अंदर चली जाती है। तो शरीर को बहुत नुक्सान पंहुचा सकती है।
टिड्डियों से फसल को कैसे बचायें

7. बहुत ज्यादा टिड्डी दल फसल पर बैठ जाए तो 5% Melathion (मेलाथीयोन) दवा या फ़िर 1.5% Quinalphos (कविनाल्फोस) दवा का छिड़काव करे। इससे सभी टिड्डियां मर जाती है। 
Note- 5% Melathion और 1.5% Quinalphos इन दोनों कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल टिड्डियों के अंडों को नष्ट करने के लिए भी किया जा सकता है। और जहाँ पर टिड्डी दल रात को डेरा जमा ले। उन्हें वहीँ पर नष्ट करने के लिए भी किया जा सकता है। सुबह की पहली किरण पड़ते ही टिड्डियां आगे बढ़ती है यानी के स्थान बदलती है। तो उनके आगे स्थान बदलने से पहले ही अगर टिड्डियों पर इन दोनों में से किसी एक कीटनाशक दवा का छिड़काव कर दिया जाता है। तो पूरा दल उसी जगह खत्म हो जायेगा। 

8. 20% ई.सी. क्लोरपाइरीफोर इस दवा की 1 लीटर मात्रा को 900 से 1000 लीटर पानी में अच्छी तरह घोल कर प्रति हैक्टेयर क्षेत्र में छिड़काव करे। इससे सभी टिड्डियां मर जायेंगी। 

9. अगर आप चाहते है के टिड्डियां आपकी फसल पर बैठकर भी उशे ना खा पाएं तो आप 500 ग्राम NSKE कीटनाशक दवा को 10 लीटर पानी में अच्छी तरह मिलाकर कर फसल पर छिड़काव करे या 40 मिली नीम के तेल को 10 से 20 ग्राम कपडे धोने के पाउडर के साथ 8 से 10 लीटर पानी में मिलकर फसल पर छिड़काव करे। 

10. टिड्डियों को जहरीला खाना परोस कर भी फसल को बचाया जा सकता है। इसके लिए 100 ग्राम धान की भुशी को आधा किलो ग्राम फेनीट्रोथयोन व 5 किलो ग्राम गुड़ के साथ मिलकर खेत में छिड़क दे। इसके जहर से टिड्डियां फसल की थोड़ी सी पत्ती को खाते ही मर जाती है। फसल को ज्यादा नुक्सान नहीं पंहुचा पाती और इस तरीके से उनको आगे जाने से भी आसानी से रोक जा सकता है। 

11. टिड्डियों के अंडों को नष्ट करने के लिए सभी अंडों को इकट्ठा करके उनको जमींन में गहरा गड्ढा खोदकर दबा दें।

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