बच्चो को ऑनलाइन पढ़ाने के दौरान क्या सावधानियां रखनी चाहिए।
ऑनलाइन पढाई- यह शब्द देखते ही/सुनते ही/पढ़ते ही Smartphone, Computer, Leptop की एक तस्वीर दिमाग में आ जाती हे। जिसमे बच्चा अपने सामने किताब या नोटबुक नहीं बल्कि Smartphone, Computer या Leptop रखकर पढ़ रहा होता है. इस पढाई का चलन पूरी दुनिया में दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है और आगे भी आने वाले समय में पढाई करने का यह तरीका बहुत ज्यादा लोकप्रिय होने वाला है।
भारत में भी जब से स्मार्टफोन, कंप्यूटर व इंटरनेट चलाना आसान हुआ है और देश के बहुत सारे लोग इंटरनेट से जुड़े है। तब से ऑनलाइन पढाई बच्चो में बहुत ज्यादा लोकप्रिय हुई है। लेकिन पहले यह ज्यादातर शहरों के बच्चो तक ही सिमित होकर रह गई थी। गाँवो के बच्चे अभी online पढाई से ज्यादा रूबरू नहीं हुए थे। लेकिन जब भारत में एकदम से Covid-19 के कारण संपूर्ण भारत में संपूर्ण lockdown लग गया और स्कूल, कॉलेज तथा सभी शिक्षण संस्थान बंद हो गए। तब एकदम से ऑनलाइन पढाई के छेत्र में बहुत बड़ी क्रांति आई। कुछ स्कूलों ने बच्चो का यह समय ख़राब ना हों इशलिये ऑनलाइन माध्यमो से पढाने के तरिके को अपनायाऔर देखते ही देखते यह तरीका इतना लोकप्रिय हुआ के लगभग संपूर्ण भारत के सभी स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाना सुरु कर दिया.
प्रिय अभिभावकों, जिस तरह से अभी ऑनलाइन पढाई बच्चो के द्वारा की जा रही है। इशे हम भविष्य की एक झलक भी समझ सकते है। आज भी ऐसा हो रहा है। जब बच्चो को स्कूल की कक्षा में अधयापक द्वारा समझाया गया कोई टॉपिक नहीं समझ आता तो बच्चा इंटरनेट पर उस टॉपिक के बारे में search करता है और वहाँ उशे अपने टॉपिक से सम्बंधित बहुत सारा अलग-अलग तरह से समझाया हुआ कंटेंट मिल जाता है। जहाँ से वह आसानी से आपने समझ में आने वाला मन पसन्द कंटेंट उठाकर पढ़ सकता है।
प्रिय अभिभावकों, आपके लिए यह जानना भी बहुत जरुरी है के आगे आने वाले कुछ ही दिनों में ऑनलाइन पढाई आज से भी कई गुणा ज्यादा चलन में आयेगी. क्योकि भारत में हुए lockdown ने लगभग संपूर्ण भारत के गाँवो, छोटे कस्बो तथा सहरो में रहने वाले बच्चो को ऑनलाइन पढाई से मिलवा दिया है और ऑनलाइन पढाई किस तरह होती है। कोन से उपकरण इस्तेमाल होते है इत्यादि के बारे मे समझा दिया है। साथ में इस लोकडौन ने अभिभावकों(माता-पिता) को भी यह बात समझा दी है के online माध्यमो से भी बच्चो को आसानी से पढाई करवाई जा सकती है.
लेकिन यह बात हम सब को पता है के जितना इंटरनेट हम सब के लिए वरदान है उतना ही श्राप भी है। हम सब जानते है इंटरनेट पर हज़ारो लाखो तरह का कंटेंट वीडियो, ऑडियो, टेक्स्ट के रूप में मौजूद है। जिसमे से काफी सारा कंटेंट ऐसा भी है जो बच्चो के लिया बिलकुल भी अच्छा नहीं है। जो बच्चो को गलत दिशा में ले जा सकता है। इंटरनेट पर बहुत सारी ऐसी आकर्षक चीजे भी है। जो बच्चो को आकर्षित करके उसका समय और भविष्य दोनों ख़राब कर सकती है। इशलिये इंटरनेट की विशालकाय दुनिया में मौजूद इस तरह के गलत कंटेंट व गलत चीजो से बच्चो को बचकर अगर आप बच्चे को एक साफ़ सुथरी व अच्छी ऑनलाइन शिक्षा देना चाहते है। तो आपको कुछ सावधनिया बरतनी पड़ेंगी और कुछ उपाय करने पड़ेंगे जिससे गलत कंटेंट आपके बच्चे तक पहुचे ही ना।
:- बच्चो को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए करें ये सावधानियां
1. कई बार देखा जाता है के इंटरनेट चलाते है तो कई सारे आपत्तिजनक advertisement अपने आप ही स्क्रीन पर आ जाते है। इनका बच्चो के दिमाग पर बहुत ज्यादा गलत आसार होता है। इशलिये इनसे बचने के लिए Ad Blocker स्मार्टफोन या लेपटॉप में इनस्टॉल कर दें। ये Ad Blocker अचानक स्क्रीन पर आ जाने वाली advertisement को रोक देते है। बहुत सारी अलग-अलग कॉम्पनियों के Ad Blocker आपको अपने प्ले स्टोर, ios स्टोर, विंडो स्टोर पर आसानी से मिल जाएगे, वहाँ जाकर आप उन्हें डाउनलोड कर सकते है।
2.
जो स्मार्टफोन या लेपटॉप बच्चे को ऑनलाइन पढाई के लिया दिया जाये उसमे सोशल मीडिया app's ना install करे और सोसल मीडिया वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दें।
3. बिना अध्यापक के ध्यान रखे, एक छोटा बच्चा या 18 वर्ष से नीचे का बच्चा एक जगह बैठ कर मन लगाकर नहीं पढ़ सकता। इशलिये जब बच्चा ऑनलाइन पढ़े तो अभिभावक ही उसके अध्यापक बनकर बच्चे का ध्यान रखे।
4. अगर अभिभावक अपना स्मार्टफोन या लेपटॉप बच्चो को ऑनलाइन पढ़ने के लिए देते है। तो ध्यान रखे के उंश्मे कोई आपत्तिजनक deta ना रखे।
5. अभिभावक ध्यान रखे इंटरनेट चलाने के लिए जो ब्राउज़र बच्चो के द्वारा इस्तेमाल किया जाता हो वह ज्यादातर साधारण इंटरफ़ेस वाला ही हो। क्योकि बहुत सारे ऐसे ब्राउज़र है जो अपने यूज़र्स को लुभावनी खबरे, videos तथा आकर्षक कंटेंट दिखाते हे। तो इन सब में पड़कर बच्चा पढाई के बजाय अपना समय ख़राब कर सकता है।
7.
ऑनलाइन पढाई करते समय ज्यादातर देखा गया है के बच्चे मोबाइल या लैपटौप को आँखों के बहुत ज्यादा नजदीक ले आते है। जिससे उनकी आँखों में जलन, सिरदर्द, नज़र कमजोर जैसी Problems आ सकती है। इशलिये जब बच्चा ऑनलाइन पढ़े तो उशे बोले के स्मार्टफोन या लेप्टोप को आँखों से कम से कम 8 से 10 इंच दूर रखे।
8. आजकल सभी स्मार्टफोन्स में आँखों के बचाव के लिए reading mode नाम से एक फीचर आता है। तो जब भी बच्चा ऑनलाइन पढाई करे तो रीडिंग मोड को अभिभावक चालू कर दे।
9. बच्चे को बहुत ज्यादा समय तक लगातार ऑनलाइन पढ़ने से रोकें। क्योकि लगातार बहुत ज्यादा समय तक किया गया स्मार्ट फ़ोन का इस्तेमाल बच्चे के मानसिक व शारीरिक विकार(रोग) दे सकता है।
10. जैसे-जैसे इंटरनेट टेक्नोलॉजी का विस्तार हो रहा है। वैसे-वैसे साइबर क्राइम भी बढ़ते जा रहे है। जिनके अंदर अंजान लोगो को बेवकूफ बनाकर लूट लिया जाता है। या उनके मोबाइल से कई प्रकार का जरुरी data चुरा लिया जाता है। इशलिये अभिभावक अपने बच्चे लो साइबर क्राइम के बारे में समझाए और किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक करने से मना करें और किसी भी इस प्रकार की वेबसाइट पर जाने से रोके जहाँ बहुत ज्यादा पैसे बिना मेहनत के कमाने का लालच दिया जा रहा हो। बच्चो को यह भी समझाए के कोई भी ऐसी मोबाइल app ना इनस्टॉल करे जिसकी उनको जानकारी ना हो।
11. अगर बच्चा 3 घंटे से ज्यादा दिन में ऑनलाइन पढाई करता है। तो अभिभावक पुरे दिन का एक टाइम टेबल बनाएं बच्चे के लिए जो इस प्रकार बना हो के एक समय पर बच्चा ज्यादा से ज्यादा 2 घंटे ही पढ़े। इसके बाद वह थोड़ा आराम करे इसके बाद फीर बची हुई पढाई खत्म करे।
12. कभी भी बच्चो को स्मार्टफोन चार्ज में लगाकर इस्तेमाल करने की इजाजत ना दे। क्योकि चार्ज में लगाकर इस्तेमाल करने से बहुत सारे स्मार्टफोन अत्याधिक गर्म हो जाते है। जिससे दुर्घटना भी हो सकती है।
13. बच्चे को पढ़ते समय बीच-बीच में दिकत ना हो इसके लिए अगर हो सके तो पढाई के लिए नया सिम कार्ड ही ला दें।
14 अभीभावक बच्चे को हमेशा सीधा बैठकर पढ़ने के लिए ही कहे। गलत तरीके से बैठकर या लेटकर पढ़ना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
15. अगर अभिभावक व्यस्थ होने के करण ऑनलाइन पढ़ते समय बच्चे पर ध्यान रखने में असमर्थ हो तो एक मोबाइल app "Google Family Link for Child बच्चे के स्मार्टफोन में इनस्टॉल कर दें। इसकी मदद से अभिभावक यह जान सकते है के बच्चे ने स्मार्टफोन में कोन-कोन सी app open करी और उशे कितनी देर इस्तेमाल किया, इंटरनेट पर क्या search किया, कितनी देर मोबाइल चलाया आदि। इस मोबाइल app की एक अच्छी बात यह भी है के बच्चा खुद से इशे अपने स्मार्टफोन से uninstall नहीं कर सकता है।
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